सम्राट अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं अन्य विषय |Samrat Ashok Ke Pramukh Shilalekh.
SachinLLB : आज हम आपको सम्राट अशोक का जीवन परिचय देते हुए सम्राट अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमे वर्णित विषयों के बारे में बताते हैं, जो कई बार कॉम्पिटिशन के एग्जाम में पूछा जाता है तो चलिए पढ़ते हैं -
सम्राट अशोक का जीवन परिचय -
चक्रवर्ती सम्राट अशोक का जन्म पाटलिपुत्र ( पटना ) में 304 ईसा पूर्व हुआ , अशोक के पिता का नाम बिंदुसार ओर माता का नाम सुभद्रांगी था, तथा अशोक का राज्याभिषेक 270 ईसापूर्व किया गया सम्राट अशोक ने अपने जीवनकाल में 269 से 232 ईसापूर्व तक शासन किया । सम्राट अशोक के 5 संतान थी महेंद्र , संगमित्रा, तीवर (तिवल), कुणाल और चरूमती। सम्राट अशोक की मृत्यु 232 ईसापूर्व हुई और अशोक की समाधि पाटलिपुत्र में स्थित हैं। एवं सम्राट अशोक की जयंती 4 अप्रेल को मनाई जाती हैं, परन्तु सम्राट अशोक के जन्म को लेकर कई इतिहासकरो में मतभेद हैं।
अशोक के मुख्य शिलालेख एवं अन्य विषय -
प्रथम शिलालेख - अशोक के प्रथम शिलालेख में पशु बलि की निंदा की गई हैं।
द्वितीय शिलालेख - अशोक के द्वितीय शिलालेख में मनुष्य और पशु दोनों के चिकित्सा का उल्लेख किया गया है।
तृतीय शिलालेख - अशोक के तृतीय शिलालेख में राज्य की अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि वह हर 5 वर्ष के बाद दौरे पर जावे। और इसी शिलालेख में धार्मिक नियमों का भी उल्लेख किया गया है।
अशोक के 14 शिलालेख का वर्णन -
चतुर्थ शिलालेख - अशोक के चतुर्थ शिलालेख में भेरीघोष की जगह धम्मघोष की घोषणाएं है।
पंचम शिलालेख - इस शिलालेख में धर्म एवं महामात्रो की नियुक्ति के विषय में जानकारी हैं
षष्टम शिलालेख - इस शिलालेख में आत्म नियंत्रण की शिक्षा का उल्लेख किया गया है।
सप्तम एवं अष्टम शिलालेख में अशोक द्वारा की गई तीर्थ यात्राओं का वर्णन किया गया है।
नोवां शिलालेख - इसमे भेंट, सच्चे विचार एवं सच्चे शिष्टाचार का वर्णन किया गया है।
दसवां शिलालेख - 10 वे शिलालेख में अशोक द्वारा दिये गए आदेश कि राजा तथा सभी अधिकारी प्रजा के हित के बारे में सोंचे।
Chakravarti Samrat Ashok ke Shilalekh |
11 वां शिलालेख - इस शिलालेख में धम्म के बारे में उल्लेख किया गया है।
12 वां शिलालेख - इस शिलालेख में स्त्री महामात्रों की नियुक्ति , विचारों एवं मान सम्मान का वर्णन मिलता हैं।
13 वां शिलालेख - इस शिलालेख में कलिंग युद्ध, और अशोक के ह्रदय परिवर्तन एव 5 यवन राजाओं का उल्लेख किया गया है, जहाँ धम्म प्रचारक भेजे ।
14 वां शिलालेख - 14 वें शिलालेख में जनता को धार्मिक जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया गया।
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