निजी वाहनों पर एडवोकेट, डॉक्टर, पुलिस के स्टिकर [ Sticker ] लगाना | कानूनी है या गैर-कानूनी ?

निजी वाहनों पर एडवोकेट, डॉक्टर, पुलिस के स्टिकर [ Sticker ] लगाना | कानूनी है या गैर-कानूनी ?

Sticker of Advocate, Doctor, Police on private vehicles, Is it legal or illegal, motor vehicle act 1989, motor yaan adhiniyam, vahno par sticker lagana pratibandhit, vahan number plat, vehicles sticker law, Ban on using stickers, law of india on vehicle, judgement of high court, vehicle judgment,


SachinLLB : हमने कई बार अपने आस-पास डॉक्टर, पुलिस या एडवोकेट (Doctor, Police or Advocate) के पेशे से जुड़े लोगों को अपने वाहनों पर स्टिकर का उपयोग (use of stickers on vehicles) करते हुए देखा है परन्तु क्या आपने कभी ये सोचा है कि वाहनों पर स्टीकर लगाना (sticker on vehicles) कानूनी है या गैर कानूनी ?


अनेकों बार अपने ये खबरें सुनी होगी कि बदमाशों ने पुलिस के स्टीकर का उपयोग करके लोगों के साथ ठगी की या अपराधियों द्वारा आपराधिक गतिविधियों को टालने या पुलिस के चंगुल से बचने के लिए भी इन स्टिकर का उपयोग किया गया है।


वाहनों पर Advocate, Doctor, Police के Sticker लगाना कानूनी या गैरकानूनी -


वाहनों पर एडवोकेट, डॉक्टर, पुलिस के स्टिकर लगाने की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया तथा  नवंबर 2020 में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एक आदेश जारी किया जिसमे, कोर्ट ने पूछा कि क्या स्टिकर कानूनी रूप से अधिकृत थे और क्या उनके पास कानूनी मंजूरी थी। इस पर अदालत की राय थी, कि अगर स्टिकर का उपयोग गलत काम के लिए किया जा रहा है, तो उन्हें प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।


मोटरयान अधिनियम,1998 की धारा 177 में एक अवशिष्ट दंड खंड है, इसका अर्थ है कि यह खंड गलती से पार्टी को अधिनियम, नियम, विनियम या उससे संबंधित अधिसूचनाओं के संबंध में किसी भी प्रकार के उल्लंघन के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए बाध्य करता है। 

इसमें कहा गया है कि -


“जो कोई व्यक्ति इस अधिनियम के प्रावधान या इसके तहत बनाए गए किसी भी नियम, विनियम या अधिसूचना का उल्लंघन करता है या पाया जाता हैं, यदि अपराध के लिए कोई दंड प्रदान नहीं किया जाता है, तब वह पहले अपराध के लिए 100 रुपये तक का जुर्माना और या बाद में अपराध के जुर्माने के साथ 300  रुपये तक दंडनीय होगा। ”


यह मुद्दा काफी बार इस तथ्य के कारण उठता है कि ऐसे स्टिकर का उपयोग करके अपनी पहचान या पार्किंग में विशेषाधिकारों के उद्देश्य से किया जाता रहा है, लेकिन ये समझ में आता है कि राज्य शासन का आधिकारिक वाहन इन स्टिकर को वाहन पर लगा सकता है, परन्तु निजी वाहनों पर इसका इस्तेमाल ज्यादा नुकसान कर रहा है। एक और मुद्दा यह भी है कि इस संबंध में कोई समान कानून नहीं बना हुआ है, जबकि कई राज्यों ने ऐसे स्टिकर के उपयोग पर प्रतिबंध भी लगाए लेकिन अन्य राज्यों ने इस प्रकार के कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाये है।


वाहनों पर लगे स्टिकर का दुरुपयोग गलत लाभ प्राप्त करने या गलत काम को करने के लिए इन स्टिकर के विशेषाधिकार का उपयोग करने से संबंधित है क्योंकि नियम तोड़ने से बचने या चेक होने से बचने के लिए कई लोग इन स्टिकर्स को अपने वाहनों पर लगाते हैं।


बॉम्बे हाईकोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट [ High Court ] के आदेश -


सन 2019 में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने भी निजी वाहनों पर इस प्रकार के स्टिकर पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है व इसके बाद पुलिस द्वारा वाहनों की व्यापक रूप से जांच की और गलत तरीके से स्टिकर का इस्तेमाल करने वालों पर शिकंजा भी कसा।


इस प्रकार के स्टिकर्स से एक और कनेक्शन बनाया जा रहा है, कि जिन वाहनों पर धर्म और जाति के स्टिकर लगाए जा रहे हैं जो कि गैरकानूनी है। यह मोटर वाहन अधिनियम की उपर्युक्त धारा के अंतर्गत भी लाया जाता है।


वर्ष 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस प्रकार के स्टीकर को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद पुलिस द्वारा निजी वाहनों पर जाति, धर्म और प्रभावशाली पदों (जिसमें नौकरी या पद शामिल हैं) सहित वाहनों पर स्टिकर का प्रयोग करते हुए अनेकों लोगों को पकड़ा और जुर्माना भी लगाया गया।


स्टिकर्स का प्रयोग करने पर प्रतिबंध -


केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम,1989 के नियम 49 ( Motor Vehicles Act 1989 ) में कहा गया है कि -

" सभी प्लेट को गर्म मुद्रांकन द्वारा लागू क्रोमियम आधारित होलोग्राम लगाकर जालसाजी के खिलाफ संरक्षित किया जाना चाहिए तथा वाहनों पर स्टिकर और चिपकने वाले लेबल की अनुमति नहीं है, प्लेट में कम से कम 7 अंकों की एक पहचान संख्या होनी चाहिए, जिसे परावर्तक शीटिंग में लेजर ब्रांडेड किया जाना चाहिए और हॉट स्टैम्पिंग शिट पर एक सत्यापन शिलालेख भी होगा। " लेकिन यह ध्यान दिये जाने योग्य हैं, कि नियम वाहन के किसी अन्य हिस्से पर नहीं बल्कि वाहन के पंजीकरण प्लेट पर स्टिकर के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।


इस प्रकार इन मुद्दों की वैधता ( section 177 ) धारा 177 में निहित है क्योंकि यह समस्त राज्य के साथ अलग-अलग तरीके से देखा जा रहा है, इसलिए ठोस रूप से यह नहीं कह सकता कि वे कानूनी हैं या गैरकानूनी।


किसी राज्य में इसे पूरी तरह से अनुमति है, तथा अन्य राज्य में इसके इस्तेमाल के लिए 300 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जब इस संबंध में कोई राष्ट्रव्यापी निर्णय लिया जाएगा, तब ही ठोस रूप से कहा जा सकता है कि ये कानूनी हैं या गैरकानूनी । वाहनों पर स्टिकर्स के प्रयोग की अनुमति है या नहीं इस पर अभी तक सर्वोच्च न्यायालय का कोई निर्णय नहीं आया है। 

जानकारी अच्छी लगे तो Follow & Share करें जिससे आपको नई-नई जानकारी मिलती रहे। 



Tags

Top Post Ad

Below Post Ad