महिलाओं के क़ानूनी अधिकार क्या हैं ? What is the legal right of women.
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महिलाओं से संबंधित कानून की जानकारी -
यदि पहली पत्नी होने के वावजूद पति द्वारा दूसरी शादी करने पर या पति के सात साल तक लापता होने पर या संबंधों में संतुष्ट न होने पर, या मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की स्थिति में या धर्म परिवर्तन करने पर या पति को गंभीर या लाइलाज बीमारी होने पर या यदि पति ने पत्नी को त्याग दिया हो और महिला को अलग रहते हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका हो तब ऐसी स्थिति में कोई भी महिला न्यायालय के द्वारा तलाक ले सकती हैं।
7. यदि पति के द्वारा बच्चे की कस्टडी पाने के लिए कोर्ट में पत्नी से पहले याचिका दायर कर दी जाती है, तब भी पत्नी को बच्चे की कस्टडी प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है परंतु यदि बच्चे की उम्र 13 साल से कम है तो, तब तक वह बच्चा उसकी माँ के पास ही रहेगा।
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महिलाओं के कानूनी अधिकार | Legal Rights of Women's in Hindi -
8. किसी भी महिला को तलाक के बाद भरण पोषण भत्ता, स्त्रीधन और बच्चों की कस्टडी पाने का अधिकार होता है, लेकिन इसका फैसला न्यायालय द्वारा गवाहों के आधार पर और परिस्थितियों के आधार पर ही किया जा सकेगा ।
9. यदि पति की मृत्यु हो जाती है या तलाक होने की स्थिति में महिला अपने बच्चों की संरक्षक बनने का दावा कर सकती है।
10. भारतीय कानून के अनुसार - महिला का गर्भपात कराना अपराध (abortion crime) की श्रेणी में आता है, परन्तु यदि गर्भ धारण करने की वजह से किसी महिला के स्वास्थ्य को खतरा हो तब वह गर्भपात करा सकती है, जोकि ऐसी स्तिथि में उसका गर्भपात वैध माना जाता हैं इसके साथ ही महिला की सहमति के बिना उसे गर्भपात के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, यदि कोई भी ऐसा कृत्य करता है तो महिला कानूनी दावा कर सकती है ओर ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कर सकती हैं।
महिलाओं को प्राप्त कानूनी अधिकार -
11. तलाक की याचिका पर शादीशुदा स्त्री हिन्दू विवाह अधिनियम,1955 की धारा 84 के तहत गुजाराभत्ता लेने का पूर्ण अधिकार रखती है और तलाक लेने के निर्णय के बाद सेक्शन 25 के तहत परमानेंट एलिमनी लेने का भी प्रावधान है, विधवा महिलाएं यदि दूसरी शादी नहीं करती हैं तो वे अपने पति या ससुर से मेंटेनेंस पाने का अधिकार रखती हैं।
12. भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत भी पत्नी मेंटेनेंस की राशि, जो कि भरण - पोषण के लिए आवश्यक है,को पाने का अधिकार रखती है ओर यदि वे महिलाएं जो कि हिंदू नहीं हैं उनको भी ये तमाम अधिकार प्राप्त हैं।
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