मध्यप्रदेश अधिवक्ता (Advocate) सहायता योजना 2020( प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थितियां योजना 2020 )

मध्यप्रदेश अधिवक्ता (Advocate) सहायता योजना 2020( प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थितियां योजना 2020 ) । Madhya Pradesh Advocate Support Scheme (Natural Disaster and Unforeseen Conditions Scheme 2020 )


Adhivakta kalyan nidhi yojna


SachinLLB - इस समय में Covid -19 ( कोरोना  वायरस) के तेजी से फैलने से सम्पूर्ण विश्व में मानव समाज को बहुत ही अप्रत्याशित गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है,  जिसके कारण जन-सामान्य जीवन गंभीर खतरे में आ गया है,

और इसी के चलते अधिवक्तागण भी अछूते नहीं रह गए, ऐसा महसूस किया गया कि ऐसी विषम परिस्थितियों में उनको अपने दैनिक जीवन को चलाने के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए ।

अत: उक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1982 की धारा 15 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार , एतद्वारा न्यासी परिषद्   एवं मध्यप्रदेश अधिवक्ता परिषद् (Madhya Pradesh Advocate Council) के परामर्श से बनाई गई इस योजना को प्रकाशित करती है ! तो आइए योजना के बारे में कुछ तथ्यों को जानते हैं -

1 . योजना का संक्षिप्त नाम ।
2 . योजना का विस्तार । 
3 . योजना का प्रारंभ ।


1. इस योजना का संक्षिप्त नाम - मध्यप्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना ( प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थितियाँ ) योजना  2020 है।

2. इस योजना का विस्तार मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद् द्वारा नामांकित अधिवक्ताओं को लागू होगा ।

3. यह योजना उस तारीख से प्रवृत्त होगी, जब राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा प्रकाशित करेगी। 

परिभाषा - इस योजना के अंतर्गत जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो - 

( अ )  बार कौंसिल - अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 3 के अधीन गठित बार कौंसिल ऑफ मध्यप्रदेश।

( आ )  प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थितियाँ से अभिप्रेत है केन्द्र अथवा राज्य शासन द्वारा घोषित संकटापन्न परिस्थितियाँ के लिये।

( इ )  अधिनियम - से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1982 ( क्र . 9 सन् 1982 ) | (Madhya Pradesh Advocates Welfare Fund Act 1982)

( ई )  फंड- अधिनियम की धारा 3 के अन्तर्गत गठित फंड । 
पात्र अधिवक्ताओं को उक्त आर्थिक सहायता फण्ड से की जावेगी ओर जिसके लिए अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये लगभग तक हो सकेगी,

जिसे अधिवक्ता परिषद् की अनुशंसा पर न्यासी समिति उक्त सीमा को बढ़ाने पर विचार भी कर सकेगी तथा यह राशि अधिवक्ता कल्याण स्कीम ए -1989 के अधीन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया , उच्च न्यायालय परिसर जबलपुर में एफ.डी.आर. के माध्यम से विनियोजित की गई राशि 24,77,78,858 / - से विकलनीय होगी ।

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म.प्र. अधिवक्ता सहायता योजना के तहत राशि प्रदान किये जाने की प्रक्रिया
 -


( 1 ) योजना में वे ही अधिवक्ता (Advocate) सहायता के पात्र होंगे जिनका नाम राज्य अधिवक्ता परिषद् की वर्तमान निर्वाचन सूची में दर्शित हो रहा हो और वे आवेदन - पत्र की अन्य समस्त शर्तों को पूरा करते हों ।

( 2 ) पात्र अधिवक्ताओं को किसी परिस्थिति विशेष में वह राशि देय होगी जिसे अधिवक्ता परिषद् की सलाह पर न्यासी समिति समय - समय पर निर्धारित करेगी, इस संबंध में न्यासी समिति का विनिश्चय अन्तिम होगा परन्तु किसी पात्र अधिवक्ता को किसी परिस्थिति विशेष में अधिकतम राशि रुपये 5000 /- ( पांच हजार रुपये ) मात्र देय होगी तथा योजना का और अधिक विस्तार से अध्ययन करने के लिये म.प्र . राजपत्र दिनांक 4 मई 2020 पृष्ठ 321-322 ( 13 ) को देंखे ।

( 3 ) इस योजना का लाभ (benefit of the scheme) प्राप्त के लिए अधिवक्ता को निर्धारित प्रारूप में संबंधित अधिवक्ता संघ को आवेदन प्रस्तुत करना होगा तथा प्राप्त आवेदन पर अधिवक्ता संघ इस योजना के साथ संलग्न अनुसार कर सकेगा ।

( 4 ) किसी भी अधिवक्ता संघ की यह जिम्मेदारी होगी कि वह निर्धारित संख्या में प्राप्त आवेदकों की अनुशंसा करने के पूर्व समस्त आवेदनों पर सही से विचारण एवं आवश्यक समाधान कर लें, परन्तु किसी एक अधिवक्ता परिवार के मात्र एक ही अधिवक्ता को सहायता की अनुशंसा की जानी चाहिए भले ही आवेदक अधिवक्ता के परिवार में एक से अधिक व्यक्ति अधिवक्ता व्यवसाय कर रहे हों ।

( 5 ) इस योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन - पत्र संबंधित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष / सचिव एवं कोषाध्यक्ष की संयुक्त अनुशंसा पर ही परिषद्  द्वारा विचार के लिए भेजे जाएंगे ।

( 6 ) जिन अधिवक्ता संघों में व्यवसायरत् अधिवक्ताओं की संख्या 25 से कम है वे उन स्थानों से सम्बद्ध रहेंगे जहाँ वर्तमान चुनाव में उन्होंने मतदान किया है और किसी व्यावहारिक कठिनाई या परिस्थिति में राज्य अधिवक्ता परिषद् पृथक् से निर्देश भी दे सकती है ।

( 7 ) किसी भी अभिभाषक को इस फंड से एक से अधिक बार या दोबारा सहायता प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा और किसी महत्वपूर्ण सूचना को छिपाने पर संबंधित अधिवक्ता (Advocate) को व्यावसायिक कदाचरण का दोषी माना जावेगा ।

नोट - इस योजना के अंतर्गत जहाँ मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद् का उल्लेख किया गया है, उसमें वर्तमान में बार कौंसिल का कार्य प्रभार देख रही विशेष समिति मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद् भी शामिल है एवं उसके द्वारा दिए गए समस्त निर्णय मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद् द्वारा दिए गए निर्णय के रूप में वैधानिक रूप से मान्य होंगे ।

योजना (Scheme) के पात्र अधिवक्ताओं की गणना का आधार -


( 1 ) ऐसे अधिवक्ता संघ जहां अधिवक्ताओं की संख्या सारणी के अनुसार 100 अथवा उससे कम है वहां पात्रता उक्त संख्या के 10 प्रतिशत होगी ।

( 2 ) ऐसे अधिवक्ता संघ जहां अधिवक्ताओं की संख्या 100 से अधिक है वहाँ पात्रता 10+100 से अधिक का 5 प्रतिशत से होगी ।

( 3 ) गणना करने में यदि संख्या अंशों में आती है तो अंश को बढ़ाकर पूर्ण किया जाएगा । जैसे - गणना करने पर संख्या 5.4 अथवा 6.9 आती है तो ऐसी दशा में गणना के लिए 5.4 को 6 एवं 6.9 को 7 किया जावेगा । किन्तु यदि संख्या पूर्णांक में हो तो उसमें कोई भी जोड़ना या घटाना नहीं होगा ।

( 4 ) वे अधिवक्ता संघ जिनमें अधिवक्ताओं की संख्या 100 तक है एवं ऐसे अधिवक्ता संघ जिनमें अधिवक्ताओं की संख्या 100 से अधिक किन्तु 1000 या उससे कम है तथा ऐसे अधिवक्ता संघ जिनमें अधिवक्ताओं की संख्या 1000 से अधिक है वे क्रमशः एक , दो एवं तीन अतिरिक्त अधिवक्ताओं ( उपरोक्त कंडिका  1 व  2 को छोड़कर ) का नाम जिसके संबंध में वह यह उचित समझते हैं कि वह पात्र तो है किन्तु उपरोक्त अनुसार सूची में सम्मिलित नहीं है तो उनका नाम राज्य अधिवक्ता परिषद् को अनुशंसित कर सकेंगे ।

( 5 ) इस योजना में अधिवक्ताओं की पात्रता के संबंध में संबंधित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष / सचिव एवं कोषाध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा ।

( 6 ) उक्त योजना के क्रियान्वयन के संबंध में यदि कोई प्रश्न उत्पन्न होता है तो उसका निराकरण राज्य अधिवक्ता परिषद्  द्वारा किया जा सकेगा ।


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