भारत के संविधान के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी।Important information about the Constitution of India.
भारत का संविधान विश्व का सबसे विस्तृत और व्यापक संविधान है। इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।
संविधान के मुख्य बिंदु
1. संविधान निर्माण:
संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को हुआ।
अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद।
प्रारूप समिति के अध्यक्ष: डॉ. भीमराव अंबेडकर।
संविधान को बनाने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे।
2. संविधान की संरचना:
मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थीं।
वर्तमान में इसमें कई संशोधन हो चुके हैं और अब इसमें 470 से अधिक अनुच्छेद, 25 भाग, और 12 अनुसूचियां शामिल हैं।
3. विशेषताएँ:
लिखित संविधान: यह पूरी तरह लिखित है, जो इसे अद्वितीय बनाता है।
संघीय प्रणाली: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन।
मौलिक अधिकार: नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए (भाग 3)।
मौलिक कर्तव्य: 42वें संशोधन (1976) में शामिल किए गए।
निर्देशक सिद्धांत: राज्य की नीतियों के लिए मार्गदर्शक (भाग 4)।
संशोधन की प्रक्रिया: लचीला और कठोर दोनों प्रकार का प्रावधान।
4. प्रस्तावना (Preamble):
संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा मानी जाती है। इसमें भारत के संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों का वर्णन है:
"हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए..."
5. महत्वपूर्ण संशोधन:
42वां संशोधन (1976): "समाजवादी" और "धर्मनिरपेक्ष" शब्द जोड़े गए।
44वां संशोधन (1978): संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकारों से हटा दिया गया।
संविधान की विशेषताएँ
लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, और समानता के आदर्शों को मजबूत करने वाला।
हर नागरिक को समान अधिकार और कर्तव्यों की गारंटी देता है।
भारतीय संविधान का महत्व
यह संविधान न केवल भारत की विविधता को समेटता है, बल्कि नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, और न्याय प्रदान करता है। इसमें लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता को बनाए रखने की शक्ति है।
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