भारतीय कानून के बारे मे जानकारी | अधिकार, नियम | Indian Law in Hindi.

भारतीय कानून के बारे मे जानकारी | अधिकार, नियम | Indian Law in Hindi.


SachinLLB : आज हम भारतीय कानूनों के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे जिसमे एक कानून (law) के ज्ञाता की भाषा के साथ साथ सामान्य व्यक्ति की समझ में भी आसानी से आ जायेगा । हम यहाँ पर भारतीय कानून (Indian Law) की जानकारी और नागरिको के अधिकार (rights of citizens) ओर नियम के बारे में आसानी से समझेंगे ।


हम आपको बताते हैं कि नागरिकों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता की रक्षा (protection of the rights and freedoms of citizens) और सभ्य समाज (civil society) के निर्माण के लिए कानून का शासन (The rule of law) होना बहुत जरूरी है, क्योंकि कानून के शासन का मतलब है कि, कानून सबके लिए बराबर हैं । कानून ही सर्वोपरि है, कानून राजनीतिक शक्तियों को निरंकुश (the law deprives political powers) बनने से रोकता है और समाज में सुख शांति अमन चैन तथा सुव्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है।


कानून की जानकारी Knowledge of law in Hindi -


क्या आपको अपने कानूनी अधिकार (legal Rights) पता है, क्योंकि जब आपको अपने कानूनी अधिकार और  भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के बारे में पता रहता है, तब ही आप अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं, परन्तु कानून बनने के इतने दिनों बाद भी आज तक कई लोगों को कानून और अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं हैं । तो आइए आज हम अपने कानूनी अधिकारों के बारे मे जानते है।


कानूनी अधिकार और नियम Legal Rights and Rules -


1. कोई भी पुलिस ऑफिसर (Police Officer) एफआईआर लिखने से मना नही कर सकता है, भारतीय दंड संहिता 166 A (Section 166A IPC) के अंतर्गत ऐसा करने पर उन्हें 6 माह से 1 साल तक की सजा हो सकती है। ये आता है।


2. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 के अंर्तगत किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है ।


3. ड्राइविंग करते समय यदि आपके 100ml ब्लड में 30mg से ज्यादा अल्कोहल का लेवल मिलता है, तो मोटर वाहन एक्ट 1988 की धारा 185, 202 के तहत पुलिस बिना वारंट के आपको गिरफ्तार कर सकती है।


4. अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम 2014 | कोई भी दुकानदार किसी भी उत्पाद के लिए उस पर दिये गए अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपये नही मांग सकता है, लेकिन कोई भी उपभोक्ता अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद या सामान खरीदने के लिए दुकानदार से मोल-भाव कर सकता है ।


5. यदि कोई वयस्क लड़का या लड़की अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो यह गैर कानूनी नही है । और दोनों के सहवास से पैदा होने वाली संतान भी गैर कानूनी नही है, और उस संतान को अपने पिता की सम्पूर्ण संपत्ति में हक ओर अधिकार भी मिलेगा | यह घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 (Domestic Violence Act 2005) में है।


6. मातृत्व लाभ अधिनियम,1961 अनुसार कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है।

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