चेक बाउंस होने के नुकसान क्या हैं| चेक क्यों बाउंस होता हैं | चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने के 12 कारण ।

चेक बाउंस होने के नुकसान क्या हैं| चेक क्यों बाउंस होता हैं | चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने के 12 कारण ।

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SachinLLB : आज हम बात करेंगे चेक बाउंस के बारे में कि जब चेक बाउंस (Cheque Bounce) होता है तब आपको क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है। वैसे चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते है। 


क्या आप कभी ऐसी स्थिति में आए हैं जहां आपका चेक स्वीकार ना हुआ हो ? अगर हाँ ! तो आज हम चेक के बाउंस या खारिज होने के कारणों पर बात करते हैं कि चेक बाउंस क्यों होता है, चेक बाउंस होने के क्या क्या कारण हो सकते हैं तो आइए जानते हैं चेक से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य क्या हैं ।


What is Chaque Bounce | खारिज चेक का अर्थ -


चेक मान्य तब माना जाता है, जब बैंक प्राप्तकर्ता को राशि दे देता हैं। जबकि, अगर बैंक प्राप्तकर्ता को राशि देने से इंकार कर देता है, तो चेक को अनाद्रित या खारिज माना जाता है। दूसरे शब्दों में, चेक का खारिज या अनाद्रित होना एक ऐसी स्थिति है जिसमें बैंक द्वारा प्राप्तकर्ता को चेक की राशि देने से इंकार कर दिया जाता है।


लेकिन जब भी चेक को अनाद्रित या खारिज किया जाता है, तब अदाकर्ता को बैंक द्वारा तुरन्त चेक के ख़ारिज या अनाद्रित होने की वजह या कारणों को एक चेक रिटर्न मेमो जारी करके चेक के साथ पेयी बैंकर को निर्दिष्ट करता है। 


और रिटर्न मेमो और खारिज चेक प्राप्तकर्ता को प्रदान करता है। तथा चेक के अनादरीत या खारिज होने के कारण को बताते हुए वापस लौटा देता है। तथा चेक पर लिखी तारीख के तीन महीने के भीतर प्राप्तकर्ता के पास यह विकल्प होता है की वह फिर से बैंक में चेक जमा कर सकता हैं ।


और इसके अलावा अगर प्राप्तकर्ता कानूनी कार्यवाही करना चाहे तो, प्राप्तकर्ता को बैंक से एक चेक रिटर्न मेमो दिया जाता है उस Cheque Return Memo को प्राप्त करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर ड्रॉअर को चेक खारिज के कारण के साथ एक नोटिस देना होगा। नोटिस में यह आवश्यक रूप से लिखा जाना चाहिए कि ड्रॉअर द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर चेक राशि का भुगतान प्राप्तकर्ता को करें ।


अगर, यदि नोटिस प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर भी ड्रॉअर भुगतान करने में असफल रहता है, तो प्राप्तकर्ता को परक्राम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के अनुसार ड्राअर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार है।



चेक के खारिज होने के कारण | Reasons for Dishonor of check -


  • यदि चेक अधिलिखित यानी अधूरा लिखा हुआ है।
  • चेक पर हस्ताक्षर अनुपस्थित है या चेक पर हस्ताक्षर बैंक द्वारा रखे गए नमूना हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते हैं।
  • यदि चेक पर प्राप्तकर्ता का नाम अनुपस्थित है या स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है।
  • अगर चेक में लिखी राशि शब्दों और अंकों में एक दूसरे से मेल नहीं खाती है।
  • ड्रॉअर चेक का पेमेंट रोकने के लिए बैंक को आदेश देता है।
  • जब कोर्ट ने बैंक को चेक पर पेमेंट रोकने का आदेश दिया हो।
  • यदि ड्रॉअर ने चेक प्रस्तुत होने से पहले, अपना खाता बंद कर दिया है ।
  • अगर बैंक खाते में अपर्याप्त राशि है।
  • यदि बैंक को ड्रॉअर की मृत्यु या दिवालिया होने की सूचना मिलती है।
  • यदि चेक पर किए गए परिवर्तन को ड्रॉअर ने अपना हस्ताक्षर देकर साबित नहीं किया है।
  • यदि चेक पर तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है या ओवर राइटिंग की गई हो या तारीख तीन महीने पहले की हो।

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चेक बाउंस या अनादरीत होने के कारण | due to check bounce -


दोस्तों क्या होता है जब एक चेक बाउंस होता है या अनादरित होता है ? दोस्तों जब भी बैंक द्वारा कोई चेक खारिज कर दिया जाता है, तो बैंक द्वारा प्राप्तकर्ता को एक चेक रिटर्न मेमो चेक के साथ दिया जाता है ।


ओर कारण बताया जाता है कि चेक बाउंस क्यों हो गया है। प्राप्तकर्ता चेक को फिर से जमा कर सकता है यदि वह जनता है कि यह दूसरी बार स्वीकार किया जाएगा। यदि चेक फिर से बाउंस हो जाता है तो प्राप्तकर्ता कानूनी रूप से ड्रॉअर के खिलाफ मुकदमा कर सकता है।


न्यायालय में मुकदमा निगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट, 1881 के तहत चेक के खारिज होने के संबंधित मामलों के लिए लागू है। इस एक्ट की धारा 138 के अनुसार, चेक का खारिज होना एक आपराधिक कृत्य है, जिसमे और जुर्माना या 2 साल तक की जेल या दोनों हो सकते है।


चेक बाउंस होने पर जुर्माना (Penalty for cheque bounce) -


जब भी कोई चेक बाउंस होता है, तो चेक से संबंधित बैंक द्वारा ड्रॉअर और प्राप्तकर्ता दोनों पर एक निश्चित जुर्माना लगाया जाता है। यदि लोन की अदायगी के सम्बंध में चेक खारिज हुआ है, तो व्यक्ति को अतिरिक्त भुगतान शुल्क देना होगा।


क्रेडिट स्कोर (सिविल) को नुकसान -


जब भी आपका चेक खारिज होता है तो आपके क्रेडिट स्कोर यानी (सिविल) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि आपकी भुगतान गतिविधियों को वित्तीय संस्थानों द्वारा क्रेडिट ब्यूरो को सूचित किया जाता है। 


यदि आपका क्रेडिट स्कोर  (Credit Score) अच्छा है तो उधारदाता आप पर भरोसा कर सकेंगे। एवम अच्छा क्रेडिट स्कोर होने के लिए, आप चेक को बाउंस नही होने देवें ।


तथा अच्छी गतिविधियाँ बनाये रखें, ताकि वित्तीय संस्थानों से धन उधार लेने के समय आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना नही करना पड़े।


हमेशा चेक लिखते समय उपरोक्त बताये गए बिंदुओं का आवश्यक रूप से ध्यान रखें ताकि परेशनियों का सामना नही करना पड़े।

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