जमानत क्या होती है और जमानत जब्त क्या होती है | What is bail and what is forfeiture of bail ?

जमानत क्या होती है और जमानत जब्त क्या होती है | What is bail and what is forfeiture of bail ?


जमानत क्या होती है ?


जमानत एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी आरोपी को कुछ शर्तों के साथ अस्थायी रूप से रिहा किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि आरोपी मुकदमे के दौरान अदालत में पेश होता रहेगा। जमानत के लिए आरोपी या उसका कोई परिचित अदालत में एक निश्चित धनराशि या संपत्ति की गारंटी देता है।

जमानत जब्त क्या होती है ?


यदि आरोपी जमानत मिलने के बाद अदालत के नियमों का उल्लंघन करता है, जैसे कि अदालत में उपस्थित न होना, शर्तों का पालन न करना, या भाग जाना, तो अदालत जमानत की राशि को जब्त कर सकती है। इसे "जमानत जब्त होना" कहते हैं।

मुख्य कारण जिनसे जमानत जब्त हो सकती है -


1. आरोपी अदालत में पेश न हो।


2. आरोपी जमानत की शर्तों का उल्लंघन करे।


3. आरोपी दोबारा किसी अपराध में संलिप्त हो जाए।


4. आरोपी जानबूझकर मामले को प्रभावित करने का प्रयास करे।



इस स्थिति में अदालत द्वारा जमा की गई धनराशि सरकारी खजाने में चली जाती है, और आरोपी को दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता है।

जमानत से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें | Other important things related to bail -


1. जमानत के प्रकार -


जमानत मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है -

(i) ज़मानतीय अपराधों में जमानत (Bailable Offense Bail):

ऐसे अपराध जिनमें जमानत लेना आरोपी का कानूनी अधिकार होता है।

आरोपी पुलिस या अदालत से जमानत ले सकता है।

उदाहरण: सड़क दुर्घटना में छोटी गलती, मानहानि, सामान्य मारपीट आदि।


(ii) गैर-जमानतीय अपराधों में जमानत (Non-Bailable Offense Bail):

ऐसे अपराध जिनमें जमानत अदालत के विवेक पर निर्भर करती है।

अदालत अपराध की गंभीरता, आरोपी का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड, और मामले की परिस्थिति को देखकर फैसला करती है।

उदाहरण: हत्या, बलात्कार, अपहरण, धोखाधड़ी आदि।


2. जमानत मिलने की प्रक्रिया -


ज़मानतीय अपराध में : आरोपी को थाने में ही जमानत मिल सकती है।

गैर-जमानतीय अपराध में : आरोपी को अदालत में जमानत याचिका दाखिल करनी पड़ती है।


3. जमानत के लिए किन शर्तों का पालन करना होता है ?


आरोपी को अदालत में तय समय पर उपस्थित होना होगा।

आरोपी को पुलिस जांच में सहयोग करना होगा।

आरोपी को किसी भी गवाह या सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी।

कई मामलों में पासपोर्ट जमा करना पड़ सकता है ताकि आरोपी देश से बाहर न जा सके।


जमानत जब्त होने के बाद क्या होता है ?


अदालत जमानतदार से पूरी राशि या संपत्ति जब्त कर सकती है।

आरोपी को दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता है।

अदालत आरोपी को जमानत का लाभ देने से मना कर सकती है।


निष्कर्ष -


जमानत कानूनी रूप से अस्थायी रिहाई का एक तरीका है, लेकिन यदि आरोपी शर्तों का उल्लंघन करता है, तो जमानत जब्त हो सकती है। इसलिए, जमानत मिलने के बाद सभी नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

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