महिलाओं के कानूनी अधिकार कौन से है ? What are the legal rights of women ?

महिलाओं के कानूनी अधिकार कौन से है ? What are the legal rights of women ?


महिलाओं को भारतीय संविधान और विभिन्न कानूनों के तहत कई कानूनी अधिकार मिले हुए हैं। ये अधिकार महिलाओं की सुरक्षा, समानता, और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। प्रमुख कानूनी अधिकार इस प्रकार हैं:

1. संवैधानिक अधिकार -


अनुच्छेद 14: समानता का अधिकार – कानून के सामने सभी नागरिक समान हैं।

अनुच्छेद 15(1): लिंग के आधार पर भेदभाव पर रोक।

अनुच्छेद 15(3): महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष कानून बनाने की अनुमति।

अनुच्छेद 16: सरकारी नौकरियों में समान अवसर का अधिकार।

अनुच्छेद 39(d): समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार।

अनुच्छेद 42: मातृत्व लाभ और उचित कार्य-स्थितियों का अधिकार।


2. वैवाहिक और पारिवारिक अधिकार -


हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 – महिलाओं को विवाह, तलाक और पुनर्विवाह का अधिकार।

विशेष विवाह अधिनियम, 1954 – अंतर-धार्मिक विवाह को कानूनी मान्यता।

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 – पैतृक संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार।

गर्भपात का अधिकार (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971) – महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार।


3. कार्यस्थल पर अधिकार -


समान वेतन अधिनियम, 1976 – पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन का अधिकार।

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 – सुरक्षित कार्यस्थल का अधिकार।

मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 – मातृत्व अवकाश और वेतन का अधिकार।


4. सुरक्षा और संरक्षण के अधिकार -


दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 – दहेज लेना या देना गैरकानूनी।

घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 – घरेलू हिंसा से सुरक्षा और कानूनी सहायता का अधिकार।

बलात्कार विरोधी कानून (आईपीसी की धारा 376) – महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिए कठोर सजा।

मानव तस्करी और यौन शोषण के खिलाफ कानून (आईपीसी की धारा 370 और 370A) – महिलाओं की तस्करी पर रोक।


5. राजनीतिक अधिकार -


अनुच्छेद 243D और 243T: पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण।

लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण (संभावित महिला आरक्षण बिल) – महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान।


6. कानूनी सहायता और सहायता सेवाएं -


निःशुल्क कानूनी सहायता (नालसा अधिनियम, 1987) – आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए मुफ्त कानूनी सहायता।

फास्ट ट्रैक कोर्ट और महिला हेल्पलाइन (1091, 181) – त्वरित न्याय और सहायता सेवाएं।


ये सभी कानून और अधिकार महिलाओं को न्याय दिलाने, उनके आत्म-सम्मान की रक्षा करने और समाज में समानता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। यदि किसी महिला को अपने अधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़े, तो वह पुलिस, महिला आयोग या कोर्ट का सहारा ले सकती है।

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