अधिकतर दुकानदार करते हैं गुमास्ता कानून का उल्लंघन | क्या कहता है गुमास्ता कानून । Most of the shopkeepers violate Gumasta law. What does Gumasta law say ?
SachinLLB : - क्या आप एक दुकानदार है या क्या आप जानते है कि कई दुकानदार गुमास्ता कानून का उल्लंघन करते है, यदि आपको नहीं पता है कि गुमास्ता कानून क्या है तो आज हम बताते हैं कि जाने अनजाने में कई दुकानदार गुमास्ता कानून का उल्लंघन कैसे करते हैं -
मप्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम,1958 | MP Shops and Establishment Act -
मप्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 की धारा 13 (1) के अंतर्गत यह प्रावधान है, कि गुमास्ता कानून के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह के एक दिन सभी दुकानदारों को अपनी - अपनी दुकान बंद रखनी होगी एवं दुकान में काम कर रहे कर्मचारियों को भी साप्ताहिक अवकाश देना होगा। यदि कोई दुकानदार इसका उल्लंघन करता है तो न्यूनतम 500/- रुपए का चालान काटा जा सकता हैं, तथा चालान काटने का कानूनी प्रावधान भी है।
गुमास्ता कानून क्या हैं | What are Gumasta Laws -
गुमास्ता कानून के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह के एक दिन सभी दुकानदारों को अपनी - अपनी दुकान बंद रखनी होगी एवं दुकान में काम कर रहे कर्मचारियों को भी साप्ताहिक अवकाश देना होगा। गुमास्ता कानून एवं श्रम विभाग के अंतर्गत बाजार बन्द रखने का दिन सोमवार तय किया हैं तथा गुमास्ता कानून के अंतर्गत दुकाने, शोरूम या अन्य व्यावसायिक स्थल रात को 10 बजे बन्द किये जाने आवश्यक हैं।
क्या कहता है गुमास्ता कानून | Gumasta Laws -
गुमास्ता कानून एवं श्रम प्रावधान के तहत सभी दुकानदारों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए सोमवार के दिन साप्ताहिक अवकाश रखना अनिवार्य हैं एवं इसके अतिरिक्त गुमास्ता कानून के अंतर्गत कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान रात को दस बजे के बाद नही खोला जा सकता हैं।
लेकिन कई शहरों में सोमवार के दिन भी बाजार खोले जा रहे हैं जिससे दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारी सप्ताह में एक दिन भी अपने घर परिवार वालों के साथ नहीं गुजार पाते हैं तथा बाजारो में अधिकांश व्यापारी ऐसे भी हैं जो अवकाश वाले दिन भी अपनी मनमर्जी से दुकानें खोलते ओर बंद करते हैं, जबकि गुमास्ता कानून के अंतर्गत दुकाने, शोरूम या अन्य व्यावसायिक स्थल रात को 10 बजे बन्द किये जाने चाहिए। तो दोस्तों इस बात से ये जानकारी मिलती हैं की कई दुकानदार जाने अनजाने में कानून का उल्लंघन कर रहें हैं।