महिलाओं के अधिकार। Right of women's
SachinLLB : आज के युग मे महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, आज महिलाएं कामयाबी की बुलंदियों को छू रही हैं तथा हर एक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं ओर इन सबके बावजूद भी उन पर होने वाले अन्याय, अत्याचार, बलात्कार, शोषण, पताड़ना आदि में कोई कमी नहीं आई है तथा आज भी महिलाओं का शोषण हो रहा है और कई महिलाएं तो ऐसी भी है कि उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी तक नहीं होती हैं।
तो आइए आज हम आपको महिलाओं से सम्बंधित कुछ अधिकार और कानून की जानकारी देते हैं -
Rights of Women's in Hindi -
13. लिव इन रिलेशनशिप संबंधों के दौरान यदि पार्टनर अपनी जीवनसाथी को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ना दे तो पीड़ित महिला घरेलू हिंसा कानून की सहायता ले सकती है ओर एफआईआर करवा सकती हैं।
14. (live in Relationship) लिव इन रिलेशनशिप सम्बंध से पैदा हुई संतान वैध संतान मानी जाएगी और उसे भी सम्पूर्ण संपत्ति में हिस्सा पाने का अधिकार प्राप्त होगा।
15. यदि पत्नी के जीवित रहते हुए कोई भी पुरुष दूसरी महिला से लिव इन रिलेशनशिप रखता है तो दूसरी पत्नी को भी भरण पोषण भत्ता पाने का अधिकार प्राप्त होगा ।
16. गर्भवती महिलाओं के प्रसव से पूर्व गर्भस्थ शिशु का लिंग जांचने वाले डॉक्टर और गर्भपात कराने का दबाव बनाने वाले पति या परिवार दोनों को ही अपराधी करार दिया जायेगा औऱ लिंग की जाँच करने वाले डॉक्टर को 3 से 5 वर्ष तक का कारावास और 15 से 20 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है औऱ लिंग जांच का दबाव डालने वाले पति और रिश्तेदारों के लिए भी सजा का प्रावधान है।
महिलाओं को प्राप्त कानूनी अधिकार -
17. हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 26 के अनुसार पत्नी अपने बच्चे की सुरक्षा, भरण - पोषण और शिक्षा के लिए भी पति या परिवार से भत्ता राशि प्राप्त करने का अधिकार रखती है और न्यायालय में केस दाखिल कर कोर्ट से निवेदन कर सकती है ।
18. हिन्दू एडॉप्शन एंड सेक्शन एक्ट के तहत कोई भी वयस्क विवाहित या अविवाहित महिला बच्चे को गोद लेने का अधिकार रखती है।
19. इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट रूल - शेड्यूल - 5 के तहत यौन सम्बन्ध के प्रस्ताव को न मानने के कारण कर्मचारी को काम से निकालने व अन्य लाभों से वंचित करने पर कार्रवाई का प्रावधान है।
20. किसी भी कार्यालय या अन्य जगहों पर समान काम के लिए महिलाओं को पुरुषों के बराबर वेतन पाने का पुर्ण अधिकार है ।
21. धारा 66 के अनुसार सूर्योदय से पहले यानि सुबह 6 बजे और सूर्यास्त के बाद यानि शाम 7 बजे के बाद काम करने के लिए महिलाओं को बाध्य नहीं किया जा सकता हैं यदि काम करने के लिए बाध्य किया जाता है तो महिला संबंधित थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवा सकती हैं।
22. भले ही उन्हें ओवरटाइम वेतन दिया जाए लेकिन कोई महिला यदि शाम 7 बजे के बाद किसी भी ऑफिस में नही रुकना चाहे तो उसे रुकने के लिए बाध्य या विवश नहीं किया जा सकता है ।
23. किसी भी ऑफिस में होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ महिला सम्बंधित थाने में शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
24. किसी भी स्कूल के दाखिले के फॉर्म में पिता का नाम लिखना अनिवार्य नहीं है यदि बच्चे की माँ या पिता में से किसी भी एक अभिभावक का नाम लिखना ही पर्याप्त है।
महिलाओं का समानता का अधिकार -
25. कोई भी महिला विवाहित हो या अविवाहित, महिलाओं को अपने पिता की सम्पत्ति में बराबर का हिस्सा पाने का पुर्ण अधिकार प्राप्त है।
26. कोई भी विधवा महिला अपने ससुर से गुजराभात्ता और संपत्ति में हिस्सा पाने का पूरा अधिकार रखती हैं। |
27. हिन्दू मैरीज एक्ट, 1956 के सेक्शन 27 के तहत पति और पत्नी दोनों की जो भी संपत्ति है उसके बंटवारे की मांग भी पत्नी कर सकती है औऱ इसके अलावा पत्नी अपने स्त्री धन पर भी पूरा अधिकार रख सकती है।
28. पुलिस सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नही कर सकती है और न ही पूछताछ के लिए किसी भी महिला को पुलिस स्टेशन में नहीं रोका जा सकता हैं।
29. पुलिस द्वारा किसी भी पुलिस थाने में किसी भी महिला से पूछताछ करने या उसकी तलाशी के दौरान महिला कॉन्सटेबल का होना जरुरी है, यदि कोई महिला कांस्टेबल मौजूद नही है तो महिला पूछताछ ओर तलाशी के लिए मना कर सकती है या आपत्ति ले सकती हैं।
30. यदि किसी भी महिला अपराधी की डॉक्टरी जाँच की जाती है तो वह जांच महिला डॉक्टर करेगी या महिला डॉक्टर की उपस्थिति के दौरान कोई पुरुष डॉक्टर करेगा।
31. महिला गवाह को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है यदि आवश्यक है तो जरुरत पड़ने पर उससे पूछताछ के लिए पुलिस को ही उसके घर जाना होगा।
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