भारत में होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है? क्या है खास वज़ह।

भारत में होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है? क्या है खास वज़ह | Why is Holi festival celebrated in India?


भारत में होली का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय, प्रेम, सौहार्द, और रंगों के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से दो प्रमुख पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है—प्रह्लाद और होलिका की कथा तथा राधा-कृष्ण की प्रेम कथा।


1. प्रह्लाद और होलिका की कथा (असत्य पर सत्य की जीत) -

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, दैत्यराज हिरण्यकश्यप ने भगवान विष्णु की भक्ति करने वाले अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया। उसने अपनी बहन होलिका की सहायता ली, जिसे वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। होलिका ने प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने की योजना बनाई, लेकिन विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी उपलक्ष्य में होली दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।


2. राधा-कृष्ण और रंगों का उत्सव -

भगवान श्रीकृष्ण, जो गहरे रंग के थे, ने यशोदा से शिकायत की कि राधा और अन्य गोपियां गोरी हैं। तब यशोदा ने उन्हें सलाह दी कि वे राधा के चेहरे पर रंग लगा दें। तभी से रंगों का यह खेल होली के रूप में मनाया जाने लगा। वृंदावन और बरसाना की लट्ठमार होली इसी कथा से जुड़ी हुई है।


होली का सांस्कृतिक महत्व -


  • रंगों का त्योहार: यह प्रेम, भाईचारे और आनंद का प्रतीक है।
  • फसल कटाई का उत्सव: यह वसंत ऋतु के आगमन और नई फसल के स्वागत का पर्व भी है।
  • समाज में समरसता: लोग भेदभाव भूलकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।


कैसे मनाई जाती है होली ?


  1. होली दहन (होलिका दहन) - पूर्णिमा की रात लकड़ियों और उपलों का दहन कर बुराई का नाश किया जाता है।
  2. रंगों की होली - दूसरे दिन (धूलंडी) रंग, गुलाल और पानी से खेलकर खुशियाँ मनाई जाती हैं।
  3. गाने-बजाने और मिठाइयाँ - ढोल-नगाड़े, गाने, नाच और गुजिया-ठंडाई जैसे पकवानों का आनंद लिया जाता है।


निष्कर्ष -


होली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे, और बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश है। यह लोगों को एकजुट करता है और जीवन में उत्साह व ऊर्जा भरता है।

जानकारी अच्छी लगे तो Follow & Share करें जिससे आपको नई-नई जानकारी मिलती रहे।

Top Post Ad

Below Post Ad