रक्षाबंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है ? रक्षाबंधन मनाने के पीछे मुख्य कारण और कथाएँ ।
रक्षाबंधन हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के रिश्ते को दर्शाता है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करती है, वहीं भाई जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन देता है।
रक्षाबंधन मनाने के पीछे मुख्य कारण और कथाएँ -
1. ऐतिहासिक कारण -
रानी कर्णावती और हुमायूं की कथा: मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा की गुहार की थी। हुमायूं ने इसे स्वीकार कर युद्ध में उसकी सहायता की।
2. पौराणिक कथाएँ -
द्रौपदी और श्रीकृष्ण: जब द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की उँगली से खून बहते देखा, तो उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उसकी पट्टी बाँधी। कृष्ण ने इस उपकार के बदले चीरहरण के समय उनकी रक्षा की।
इंद्र और इंद्राणी -
एक बार असुरों से युद्ध में जाते समय इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने उसे रक्षासूत्र बांधा, जिससे वह विजयी हुआ।
रक्षाबंधन के आधुनिक अर्थ -
आज के समय में यह त्योहार न केवल सगे भाई-बहनों तक सीमित है, बल्कि राखी दोस्ती, सम्मान, और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बन गई है। कई महिलाएँ सैनिकों, नेताओं, और समाजसेवियों को भी राखी बांधती हैं।
निष्कर्ष -
रक्षाबंधन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम और सुरक्षा का बंधन है। यह त्योहार हमें पारिवारिक मूल्यों, रिश्तों की अहमियत और आपसी विश्वास का महत्व सिखाता है।
अगर आप चाहें तो मैं रक्षाबंधन पर एक निबंध, कविता या भाषण भी तैयार कर सकता हूँ।
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